Wednesday 30 May 2012

लगवाना है आर.ओ. तो ज़रा इधर नज़र मारो





   दोस्तों मुझे भारत के लगभग हर हिस्से से लोग फोन करके पूछते हैं की हम वाटर प्यूरीफायर लगवाना चाहते हैं. कौन सा लगवाएं?

वाटर प्यूरीफायर लगाना एक ऐसा धंधा बन चुका है, जिसमें विक्रेता जहाँ आवश्यकता न हो वहाँ भी आपको गलत राह दिखा कर अपने यन्त्र लगा जाते हैं.

जल शोधक यन्त्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं


(1) आर.ओ (R.O.) और 
(2) यू. वी. (U.V.) 



आर.ओ. (R.O.)  जल के सभी केमिकल्स को कम करता है और यू. वी. सिर्फ बैक्टेरिया को खत्म करता है. लेकिन आर. ओ. सिर्फ वहाँ के लिए उपयोगी होते हैं जहाँ जल भारी होता है. यानि कि  टी. डी. एस. बहुत ज्यादा होता है. लेकिन ये विक्रेता कम टी. डी. एस. वाले पानी पर भी आर. ओ. लगा डालते हैं, क्योंकि वो सिर्फ एक टेस्ट (PRECIPITATION TEST) को ही जल गुणवत्ता का आधार मान लेते हैं. वो एक ऐसा टेस्ट करके आपको गुमराह करते हैं जिस पर बेन लगाया गया है. आम आदमी की समझ में नहीं आता, कि क्या हो रहा है? वो आपके घर के पानी को काला अथवा हरा करके बोलते हैं कि आप ये पानी पी रहे हो. जबकि वो सिर्फ पानी में घुले हुए साल्ट होते हैं जो ऊपर आ जाते हैं. जहाँ हल्का पानी हो वहाँ सिर्फ यु. वी. फ़िल्टर ही काम कर जाता है. वो भी अगर लगवाना बहुत जरूरी हो. अगर आपके घर पर आर. ओ. यन्त्र लगा हुआ है, तो अगर आप या आपके घर के सदस्य कोई दूसरा पानी पीते हैं तो बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं, क्योंकि आपका शरीर उसी पानी का आदी हो चुका होता है. अगर आपके घर के पानी का टी. डी. एस 500-600 PPM तक भी है और उसमे और कोई हानिकारक केमिकल नहीं है, तो आपको आर. ओ. लगवाने की कोई जरूरत नहीं. अगर आपने आर. ओ. लगवाया हुआ है, तो उसमे से जो वेस्ट पानी निकलता है उसे नाली में ना डालकर एक बर्तन में इकट्ठा करें और घरेलू कार्य में प्रयोग करें.....

जागो ग्राहक जागो...
लेखक- कुंवर अमित सिंह





नोट: लेखक करनाल (हरियाणा) में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर व जल गुणवत्ता विशेषज्ञ  हैं.

Monday 14 May 2012

औषधीय गुणों से लबालब पपीता

    पपीते का वास्तविक नाम केरिका पपाया है.भारत में यह प्राय:सभी स्थानों पर  उगाया जाता है.पपीता एक पोषक फल है.इसमें विटामिन ए,बी,सी पाए जाते हैं.पपीते के रस में पैपेन होता है,जो एंजाइम छोड़ने वाला प्रोटीन होता है.पपीते में 0.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है.इतनी ही मात्रा में खनिज भी होते हैं.जिनमें आयरन,कैल्शियम,फॉस्फोरस और कार्बोहाइड्रेट मुख्य हैं.पाचन संबंधी रोगों में पका हुआ फल अत्यंत उपयोगी होता  है.यदि आपको भूख खुलकर न लगती हो तो पपीते का सेवन लाभकारी है.पपीते के साथ दूध लेने से कब्ज की समस्या से निजात मिलता है.पपीते के पंद्रह-बीस बीजों को थोड़े से पानी में मिलाकर नित्य एक सप्ताह तक पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.कच्चे पपीते को छीलकर उससे निकाले गए 10 ग्राम रस में तीन ग्राम चीनी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से जिगर की वृद्धि रुक जाती है.कुछ दिनों बाद वह अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है.सुबह खाली पेट पपीते का सेवन करने से उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है.

Tuesday 8 May 2012

आंवले में हैं बड़े ही गुण


आंवला विटामिन सी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. देखने में यह फल जितना साधारण प्रतीत होता है, उतना ही स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है. एक आंवला चार नीबू के बराबर लाभकारी होता है. इसे अपने आहार में स्थान दें  यह त्वचा की कांति को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है. यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. यह ठंडी प्रवृति का होता है. यह बालों, नींद न आना, दांतों, उच्च-रक्तचाप, आँखों  की व बुढापे में होने वाली समस्याओं से हमें निजात दिलाता है. इसके नियमित सेवन से हमारा पाचन तंत्र मजबूत रहता है.

Friday 4 May 2012

अलसी का बीज खाएं, कैंसर भगाएँ

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