जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी की पांच पत्तियां खा लेते हैं वह अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षित रहते हैं। इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी,बुखार, मलेरिया, कालाजार, जुकाम या काफ, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, दमा, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, कब्ज, गैस, मन्दाग्नि,गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी खून की कमी,दांतों का रोग, सफ़ेद दाग तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते है।
सिर, गले, नाक का दर्द, आंख के रोग, सूजन, खुजली, अजीर्ण, उलटी , हृदयरोग, कृमि, फोड़े, मुहांसे, जलन , बालतोड़, लू लगना, स्नायूपीड़ा, स्वप्नदोष, मूर्छा, विष आदि तथा स्त्रियों और बच्चों के सामान्य रोगों के लिए चिकित्सा स्वयं ही की जा सकती है। तुलसी स्वाईन फ्लू को दूर रखने के लिए उपयोगी है। तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता तीव्रता से बढ़ती है और खाली पेट बीस-पच्चिश तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्वाईन फ्लू से बचा जा सकता है। तुलसी दमा टी.बी .में गुणकारी हैं।(भास्कर डाट कॉम)
अच्छी जानकारी देने के लिए संजीव शर्मा जी का धन्यवाद.
ReplyDeletegyan vardhan k liye dhanyvaad
ReplyDeletethanks to given me important tips
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