Thursday 19 July 2012

मेडिटेशन से दुरुस्त होगा दिमाग का तानाबाना



                                    चित्र गूगल बाबा से साभार
लंदन। संत और योग गुरु सदियों से कहते आए हैं कि महज एक महीने के ध्यान (मेडिटेशन) से दिमागी तानेबाने को दुरुस्त किया जा सकता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को मजबूती दी है। अध्ययन से पता चला है कि ध्यान के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने विश्वविद्यालय के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों या 11 घंटे के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया। उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए। ठीक इसी समय नर्व फाइबर के चारों ओर मौजूद मोटे माइलिन में भी इजाफा हुआ। यह माइलि नर्व फाइबर को सुरक्षा देता है।
अध्ययन के दौरान पाया गया कि दिमाग के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले हिस्से में भी अच्छे बदलाव हुए। इस क्षेत्र में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं। ऑरेगॉन विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. माइकल पॉस्नर ने कहा कि इस अध्ययन से दिमाग में मेडिटेशन से होने वाले बदलावों की साफ तस्वीर उभरकर आई है।
स्रोत- दैनिक जागरण

Thursday 12 July 2012

जब तनाव से हों परेशान

 चित्र गूगल बाबा से साभार
कंप्यूटर और लैपटॉप पर लगातार काम करने से तनाव और सिरदर्द की समस्या होने लगती है। तनाव में रहने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, हाई ब्लड प्रेशर इत्यादि बीमारियां तनाव की ही देन हैं। खान-पान में कुछ बदलाव लाकर तनाव पर काबू पाया जा सकता है। आपको बता रहे हैं ऐसी ही चीजों के बारे में, जिनसे तनाव पर काबू पाया जा सकता है..
* केला : पोटैशियम और कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन स्रोत है, जो दिमाग को ठंडा रखता है। तनाव को कम करने के लिए प्रतिदिन दो केले अवश्य खाएं।
* बाजरा : इसमें कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आहार विशेषज्ञों के मुताबिक चिड़चिड़ाहट का कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होती है। इसलिए बाजरे की रोटी अपने खाने में अवश्य शामिल करें।
* सेब : सेब में फॉस्फोरस और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह तनाव को कम करने में काफी मददगार होता है। प्रतिदिन एक सेब जरूर खाएं। सेब खाने से शरीर में खून की मात्रा के साथ साथ हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। साथ ही याददाश्त बढ़ती है।
* आंवला : इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवला का मुरब्बा नियमित रूप से खाने से याददाश्त बढ़ती है। साथ ही चुस्ती-फुर्ती आती है। यह तनाव को घटाने में मददगार होता है। आंवले का जूस पीने से पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

स्रोत- दैनिक जागरण

Wednesday 4 July 2012

कैसे मिले वर्कआउट से ज्यादा फायदा


अक्सर हम जब कोई कसरत करते हैं तो उसके पीछे हमारे शरीर की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। कोई वजन घटाने के लिए वर्कआउट करता है तो कोई शरीर बनाने के लिए, किसी के वर्कआउट की वजह बीमारी से बचाव होता है तो किसी के लिए फिटनेस के प्रति सजगता। 

वर्कआउट तभी पूरा फायदा पहुंचाते हैं जब व्यायाम के 30 से 45 मिनट के भीतर कुछ डाइट ली जाए। लेकिन क्या आपको पता है कि जैसे अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग-अलग वर्कआउट्स हैं, उसी तरह इनके साथ ली जाने वाली डाइट भी अलग-अलग होती है। 

डाइट का निर्धारण वर्कआउट के दौरान शरीर की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है। तो जानिए, अलग-अलग वर्कआउट के लिए सही डाइट पर डाइटि‌शियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट स्नेहा राय के खास टिप्स।

कार्डियो एक्सरसाइज 
जब हम सैर या जॉगिंग जैसी कार्डियो एक्सरसाइज करते तो उसके पहले एक हल्की डाइट लेनी जरूरी है जिससे शरीर का शुगर लेवेल संतुलित रहे। इस डाइट में 75 से 100 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट होना जरूरी है। बेहतर होगा वर्कआउट से पहले फलों का जूस पीएं। 

वर्कआउट के बाद केला, सेब, संतरा, गाजर, किवी जैसे फल या कोई एनर्जी ड्रिंक जरूर लें। दही, चॉकलेट मिल्क, उबले अंडे, मीट जैसी प्रोटीन से भरपूर डाइट आप वर्कआउट से थोड़ी देर पहले ले लें। 

वर्कआउट के बाद कार्बोहाइड्रेट की जरूरत शरीर को ज्यादा होती है इसलिए अंडे के सफेद भाग के साथ आलू या ओट्स के साथ चॉकलेट मिल्क का सेवन करें। 

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज
अगर आप वर्कआउट के बेहद शौकीन हैं और फिटनेस बरकरार रखने के लिए हेवी एक्सरसाइज यानी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी डाइट बहुत अलग होगी। ऐसे में आपकी डाइट में 75 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट और 25 प्रतिशत तक प्रोटीन होना बहुत जरूरी है। 

हेवी वेट लिफ्टिंग के तीस मिनट के भीतर कुछ खाना बहुत जरूरी है क्योंकि कार्बोहाइड्रेट मांसपेशियों में हुई ग्लाइकोजन की कमी को पूरा करता है। हां, यह जरूर ध्यान रखें कि आपकी कार्बोहाइड्रट्स युक्त डाइट बहुत अधिक फैटी न हो।

वर्कआउट के पहले केले, उबले अंडे का सफेद भाग, सोया, बेरी, चिकन सलाद, फलों का रस, नट्स, ऑलिव्स आदि ले सकते हैं जबकि वर्कआउट के बाद कार्बोहाइड्रेट की अधिकता वाली डाइट ले सकते हैं, मसलन चावल के साथ चिकन, अंडे का सफेद भाग, मछली या सफेद ब्रेड आदि। 

बच्चों का वर्कआउट
बच्चों के लिए वर्कआउट के बाद डाइट का निर्धारण इस तरह करें कि उसमें 45 से 65 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट हो, 10 से 20 प्रतिशत प्रोटीन और 20 से 30 प्रतिशत फैट्स। 

वर्कआउट से पहले बच्चों को मीट, मछली, फुल क्रीम दूध, फाइबर युक्त दाल व अंकुरित अनाज, टोफू, आलू, शकरकंद, अरबी आदि दे सकते हैं। बच्चों को सैच्युरेटेड फैट वाला भोजन या बहुत नमक वाला भोजन न दें। 

गर्भवती महिलाओं का वर्कआउट
गर्भावस्था में महिलाओं को बहुत सेहतमंद डाइट की जरूरत होती है। अगर इस दौरान वे वर्कआउट करती हैं तो उनकी डाइट पर ध्यान देना और भी जरूरी है। उनकी डाइट में हरी और पत्तेदार सब्जियां सबसे जरूरी हैं जैसे बंदगोभी, टिंडा, साग आदि। 

राजमा, मटर और चना रात में न लें। गुड़, घी, मक्खन के अलावा केला, आम, मेवे आदि का सेवन उनके लिए फायदेमंद है। भोजन में जरूरी है कि वे खिचड़ी, दलिया, पराठे, ढोकले आदि का सेवन करें। इस दौरान फ्रोजन फूड, पॉश्च्युराइज्ड फूज आदि से बचें।