Friday 14 December 2012

WEIGHT REDUCE TIP



'GreenTea' is very effective for "Weight Reducing".It help to increase our metabolism and support weight loss and green tea high in antioxidants which reduce the effect of harmful oxidants.This is good in'Winter'.Drink it two times in a day and do some "Cardio"workout with my "Tip".Health is Wealth.Make Yourself Fit and Healthy.

Sunday 9 December 2012

WEIGHT LOSS TIP


'Ginger Powder' is very good for 'Weight Reducing'.Take 1 spoon ginger powder with one glass warm water in the morning empty stomach and it is good for cough and cold.This is good in 'Winter'.Do some workout in winter with my Tip.'Health is Wealth'.Make Yourself Fit and Healthy.

Thursday 30 August 2012

बहरा कर सकता है हेडफोन


                              चित्र गूगल बाबा से साभार
सिडनी। आईपॉड पर तेज आवाज में संगीत सुनना महज छह महीने में आपको बहरा बना सकता है। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।
एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ सायकॉलजी एंड सोशल साइंस के शोधकर्ता पॉल चांग ने अपनी रिपोर्ट नोइज इंडयूस्ड हीयरिंग लॉस (एनआईएचएल) में कहा है कि युवाओं के लिए तेज आवाज में संगीत सुनना पूरे जीवन भर के लिए बहरेपन का कारण बन सकता है।
चांग ने अलग-अलग आयु वर्ग के तीन ग्रुपों के बीच शोध किया। चांग ने यह जानने का प्रयास किया कि ये लोग किस हद तक तेज आवाज में संगीत सुनते है। वह यह भी जानना चाहते थे कि ये लोग इसका दुष्परिणाम जानते भी या नहीं।
चांग ने पाया कि 12 से 17 साल के 50.6 फीसदी युवा निजी हेडफोन से संगीत सुनते है। 18 से 25 साल के 87.2 फीसदी लोग संगीत कार्यक्रम के बाद बजते कानों के साथ घर लौटते है।
यही नहीं, 66.3 फीसदी किशोर किसी प्रकार का हीयरिंग प्रोटेक्शन नहीं लगाते।
चांग ने कहा कि युवा काफी सामाजिक होते है और सुनने की शक्ति का प्रभावित होना उनके सामाजिक हालात का लुत्फ लेने पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
तेज संगीत के कारण सुनने की शक्ति के क्षीण होने के बाद युवा सामाजिक हालात का लुत्फ नहीं ले सकते और फिर वे सामाजिक तौर पर दूसरों से कटने लगते है।

स्रोत- दैनिक जागरण

Thursday 19 July 2012

मेडिटेशन से दुरुस्त होगा दिमाग का तानाबाना



                                    चित्र गूगल बाबा से साभार
लंदन। संत और योग गुरु सदियों से कहते आए हैं कि महज एक महीने के ध्यान (मेडिटेशन) से दिमागी तानेबाने को दुरुस्त किया जा सकता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को मजबूती दी है। अध्ययन से पता चला है कि ध्यान के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने विश्वविद्यालय के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों या 11 घंटे के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया। उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए। ठीक इसी समय नर्व फाइबर के चारों ओर मौजूद मोटे माइलिन में भी इजाफा हुआ। यह माइलि नर्व फाइबर को सुरक्षा देता है।
अध्ययन के दौरान पाया गया कि दिमाग के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले हिस्से में भी अच्छे बदलाव हुए। इस क्षेत्र में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं। ऑरेगॉन विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. माइकल पॉस्नर ने कहा कि इस अध्ययन से दिमाग में मेडिटेशन से होने वाले बदलावों की साफ तस्वीर उभरकर आई है।
स्रोत- दैनिक जागरण

Thursday 12 July 2012

जब तनाव से हों परेशान

 चित्र गूगल बाबा से साभार
कंप्यूटर और लैपटॉप पर लगातार काम करने से तनाव और सिरदर्द की समस्या होने लगती है। तनाव में रहने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, हाई ब्लड प्रेशर इत्यादि बीमारियां तनाव की ही देन हैं। खान-पान में कुछ बदलाव लाकर तनाव पर काबू पाया जा सकता है। आपको बता रहे हैं ऐसी ही चीजों के बारे में, जिनसे तनाव पर काबू पाया जा सकता है..
* केला : पोटैशियम और कार्बोहाइड्रेट का बेहतरीन स्रोत है, जो दिमाग को ठंडा रखता है। तनाव को कम करने के लिए प्रतिदिन दो केले अवश्य खाएं।
* बाजरा : इसमें कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आहार विशेषज्ञों के मुताबिक चिड़चिड़ाहट का कारण शरीर में कैल्शियम की कमी होती है। इसलिए बाजरे की रोटी अपने खाने में अवश्य शामिल करें।
* सेब : सेब में फॉस्फोरस और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह तनाव को कम करने में काफी मददगार होता है। प्रतिदिन एक सेब जरूर खाएं। सेब खाने से शरीर में खून की मात्रा के साथ साथ हीमोग्लोबिन का स्तर भी बढ़ता है। साथ ही याददाश्त बढ़ती है।
* आंवला : इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आंवला का मुरब्बा नियमित रूप से खाने से याददाश्त बढ़ती है। साथ ही चुस्ती-फुर्ती आती है। यह तनाव को घटाने में मददगार होता है। आंवले का जूस पीने से पेट की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

स्रोत- दैनिक जागरण

Wednesday 4 July 2012

कैसे मिले वर्कआउट से ज्यादा फायदा


अक्सर हम जब कोई कसरत करते हैं तो उसके पीछे हमारे शरीर की जरूरतें अलग-अलग होती हैं। कोई वजन घटाने के लिए वर्कआउट करता है तो कोई शरीर बनाने के लिए, किसी के वर्कआउट की वजह बीमारी से बचाव होता है तो किसी के लिए फिटनेस के प्रति सजगता। 

वर्कआउट तभी पूरा फायदा पहुंचाते हैं जब व्यायाम के 30 से 45 मिनट के भीतर कुछ डाइट ली जाए। लेकिन क्या आपको पता है कि जैसे अलग-अलग जरूरतों के लिए अलग-अलग वर्कआउट्स हैं, उसी तरह इनके साथ ली जाने वाली डाइट भी अलग-अलग होती है। 

डाइट का निर्धारण वर्कआउट के दौरान शरीर की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है। तो जानिए, अलग-अलग वर्कआउट के लिए सही डाइट पर डाइटि‌शियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट स्नेहा राय के खास टिप्स।

कार्डियो एक्सरसाइज 
जब हम सैर या जॉगिंग जैसी कार्डियो एक्सरसाइज करते तो उसके पहले एक हल्की डाइट लेनी जरूरी है जिससे शरीर का शुगर लेवेल संतुलित रहे। इस डाइट में 75 से 100 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट होना जरूरी है। बेहतर होगा वर्कआउट से पहले फलों का जूस पीएं। 

वर्कआउट के बाद केला, सेब, संतरा, गाजर, किवी जैसे फल या कोई एनर्जी ड्रिंक जरूर लें। दही, चॉकलेट मिल्क, उबले अंडे, मीट जैसी प्रोटीन से भरपूर डाइट आप वर्कआउट से थोड़ी देर पहले ले लें। 

वर्कआउट के बाद कार्बोहाइड्रेट की जरूरत शरीर को ज्यादा होती है इसलिए अंडे के सफेद भाग के साथ आलू या ओट्स के साथ चॉकलेट मिल्क का सेवन करें। 

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज
अगर आप वर्कआउट के बेहद शौकीन हैं और फिटनेस बरकरार रखने के लिए हेवी एक्सरसाइज यानी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी डाइट बहुत अलग होगी। ऐसे में आपकी डाइट में 75 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट और 25 प्रतिशत तक प्रोटीन होना बहुत जरूरी है। 

हेवी वेट लिफ्टिंग के तीस मिनट के भीतर कुछ खाना बहुत जरूरी है क्योंकि कार्बोहाइड्रेट मांसपेशियों में हुई ग्लाइकोजन की कमी को पूरा करता है। हां, यह जरूर ध्यान रखें कि आपकी कार्बोहाइड्रट्स युक्त डाइट बहुत अधिक फैटी न हो।

वर्कआउट के पहले केले, उबले अंडे का सफेद भाग, सोया, बेरी, चिकन सलाद, फलों का रस, नट्स, ऑलिव्स आदि ले सकते हैं जबकि वर्कआउट के बाद कार्बोहाइड्रेट की अधिकता वाली डाइट ले सकते हैं, मसलन चावल के साथ चिकन, अंडे का सफेद भाग, मछली या सफेद ब्रेड आदि। 

बच्चों का वर्कआउट
बच्चों के लिए वर्कआउट के बाद डाइट का निर्धारण इस तरह करें कि उसमें 45 से 65 प्रतिशत तक कार्बोहाइड्रेट हो, 10 से 20 प्रतिशत प्रोटीन और 20 से 30 प्रतिशत फैट्स। 

वर्कआउट से पहले बच्चों को मीट, मछली, फुल क्रीम दूध, फाइबर युक्त दाल व अंकुरित अनाज, टोफू, आलू, शकरकंद, अरबी आदि दे सकते हैं। बच्चों को सैच्युरेटेड फैट वाला भोजन या बहुत नमक वाला भोजन न दें। 

गर्भवती महिलाओं का वर्कआउट
गर्भावस्था में महिलाओं को बहुत सेहतमंद डाइट की जरूरत होती है। अगर इस दौरान वे वर्कआउट करती हैं तो उनकी डाइट पर ध्यान देना और भी जरूरी है। उनकी डाइट में हरी और पत्तेदार सब्जियां सबसे जरूरी हैं जैसे बंदगोभी, टिंडा, साग आदि। 

राजमा, मटर और चना रात में न लें। गुड़, घी, मक्खन के अलावा केला, आम, मेवे आदि का सेवन उनके लिए फायदेमंद है। भोजन में जरूरी है कि वे खिचड़ी, दलिया, पराठे, ढोकले आदि का सेवन करें। इस दौरान फ्रोजन फूड, पॉश्च्युराइज्ड फूज आदि से बचें।

Wednesday 27 June 2012

शहद में है बड़े गुण

 चित्र गूगल बाबा से साभार 

हद के बारे में आपने बहुत सी बातें सुनी और पढ़ी होंगी। घरेलू नुस्खों में तो अकसर शहद का जिक्र आ जाता है। आखिर आए भी क्यों न, गुणों के साथ मिठास का खजाना यदि किसी पदार्थ में मिलता है तो वह शहद ही है। वैसे तो शहद हर मौसम में लाभकारी रहता है, लेकिन गर्मी के मौसम में तो इसका कहना ही क्या। रोग प्रतिरोधक गुणों के चलते शहद न सिर्फ सेहत बनाता है, बल्कि रूप-रंग में भी निखार लाता है। हाल ही में जर्मनी हुए एक अध्ययन के अनुसार शहद में पाए जाने वाले एंटी ऑक्सीडेट तत्व शरीर की कोशिकाओं को क्षीण होने से बचाते है। शायद यही कारण था कि पुराने जमाने में लोग शहद का भरपूर मात्रा में सेवन करते थे। आज भी अरब देशों मे लोग अपने को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से शहद का खूब सेवन करते है। अध्ययन के अनुसार शहद में काफी मात्रा में कैलोरी भी पाई जाती है। यह सेहत के लिए मुफीद मानी जाती है। यही नहीं शहद में मिलने वाले कई अन्य तत्व हृदय रोगों से भी लड़ने की शक्ति देते है।
स्रोत: दैनिक जागरण

Tuesday 5 June 2012

Choose the right sports bra



Ladies, when you gear up to work out, you’ll need a sports bra that is comfortable, won’t chafe, and will protect your breasts from the wear and tear of (even a little) bouncing — which can break down ligaments in the breast tissue and cause sagging.
When shopping for a bra, think about what sports you’ll be participating in. High-impact sports such as running and aerobics require high-impact bras that keep your breasts firmly in place, even for smaller busted women. For activities such as cycling or yoga, you’ll still want support, but less so, and a bra that offers a full range of motion for your arms and shoulders.
Getting a proper fit is vital. Talk to a specialist in a major department store or a bra boutique, or try visiting some lingerie websites for advice and suggestions. Like regular bras, ordering a new sports bra online is a tricky process, especially if you have a larger bosom or a hard-to-fit size. So, it’s best to visit a shop, select the right bra, and then perhaps buy replacement bras online once you find your favourites.
Many sports bras aim for a compression effect — pressing your breasts together to control movement, which can result in an unflattering uni-boob look or be uncomfortable.
Other options include encapsulation bras, which lift, separate and create shape with supportive cups or underwire. Try a variety of styles to see what works best for you, but look for thick, cushioned shoulder straps for support and comfort, a gelpadded hook, and moisturewicking fabrics.

Source- Hindustan Times

Monday 4 June 2012

सेहत संसार के लेखक मोहन कुमार को मिला सम्मान

   सेहत संसार के लिए यह बहुत ही गौरव की बात है, कि इसके नियमित लेखक मोहन कुमार को दिनांक- 3 जून, 2012 को लाल कला सांस्कृतिक एवं सामाजिक चेतना मंच,नई दिल्ली द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में "स्वास्थ्य श्री" सम्मान से सम्मानित किया गया. यह सम्मान  मोहन कुमार को अपने लेखों व कार्यों द्वारा युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जगाने के लिए दिया गया.

सेहत संसार की ओर से मोहन कुमार को ढेरों बधाई व शुभकामनाएँ.

Wednesday 30 May 2012

लगवाना है आर.ओ. तो ज़रा इधर नज़र मारो





   दोस्तों मुझे भारत के लगभग हर हिस्से से लोग फोन करके पूछते हैं की हम वाटर प्यूरीफायर लगवाना चाहते हैं. कौन सा लगवाएं?

वाटर प्यूरीफायर लगाना एक ऐसा धंधा बन चुका है, जिसमें विक्रेता जहाँ आवश्यकता न हो वहाँ भी आपको गलत राह दिखा कर अपने यन्त्र लगा जाते हैं.

जल शोधक यन्त्र मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं


(1) आर.ओ (R.O.) और 
(2) यू. वी. (U.V.) 



आर.ओ. (R.O.)  जल के सभी केमिकल्स को कम करता है और यू. वी. सिर्फ बैक्टेरिया को खत्म करता है. लेकिन आर. ओ. सिर्फ वहाँ के लिए उपयोगी होते हैं जहाँ जल भारी होता है. यानि कि  टी. डी. एस. बहुत ज्यादा होता है. लेकिन ये विक्रेता कम टी. डी. एस. वाले पानी पर भी आर. ओ. लगा डालते हैं, क्योंकि वो सिर्फ एक टेस्ट (PRECIPITATION TEST) को ही जल गुणवत्ता का आधार मान लेते हैं. वो एक ऐसा टेस्ट करके आपको गुमराह करते हैं जिस पर बेन लगाया गया है. आम आदमी की समझ में नहीं आता, कि क्या हो रहा है? वो आपके घर के पानी को काला अथवा हरा करके बोलते हैं कि आप ये पानी पी रहे हो. जबकि वो सिर्फ पानी में घुले हुए साल्ट होते हैं जो ऊपर आ जाते हैं. जहाँ हल्का पानी हो वहाँ सिर्फ यु. वी. फ़िल्टर ही काम कर जाता है. वो भी अगर लगवाना बहुत जरूरी हो. अगर आपके घर पर आर. ओ. यन्त्र लगा हुआ है, तो अगर आप या आपके घर के सदस्य कोई दूसरा पानी पीते हैं तो बीमार होने के चांस बढ़ जाते हैं, क्योंकि आपका शरीर उसी पानी का आदी हो चुका होता है. अगर आपके घर के पानी का टी. डी. एस 500-600 PPM तक भी है और उसमे और कोई हानिकारक केमिकल नहीं है, तो आपको आर. ओ. लगवाने की कोई जरूरत नहीं. अगर आपने आर. ओ. लगवाया हुआ है, तो उसमे से जो वेस्ट पानी निकलता है उसे नाली में ना डालकर एक बर्तन में इकट्ठा करें और घरेलू कार्य में प्रयोग करें.....

जागो ग्राहक जागो...
लेखक- कुंवर अमित सिंह





नोट: लेखक करनाल (हरियाणा) में सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर व जल गुणवत्ता विशेषज्ञ  हैं.

Monday 14 May 2012

औषधीय गुणों से लबालब पपीता

    पपीते का वास्तविक नाम केरिका पपाया है.भारत में यह प्राय:सभी स्थानों पर  उगाया जाता है.पपीता एक पोषक फल है.इसमें विटामिन ए,बी,सी पाए जाते हैं.पपीते के रस में पैपेन होता है,जो एंजाइम छोड़ने वाला प्रोटीन होता है.पपीते में 0.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है.इतनी ही मात्रा में खनिज भी होते हैं.जिनमें आयरन,कैल्शियम,फॉस्फोरस और कार्बोहाइड्रेट मुख्य हैं.पाचन संबंधी रोगों में पका हुआ फल अत्यंत उपयोगी होता  है.यदि आपको भूख खुलकर न लगती हो तो पपीते का सेवन लाभकारी है.पपीते के साथ दूध लेने से कब्ज की समस्या से निजात मिलता है.पपीते के पंद्रह-बीस बीजों को थोड़े से पानी में मिलाकर नित्य एक सप्ताह तक पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं.कच्चे पपीते को छीलकर उससे निकाले गए 10 ग्राम रस में तीन ग्राम चीनी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से जिगर की वृद्धि रुक जाती है.कुछ दिनों बाद वह अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है.सुबह खाली पेट पपीते का सेवन करने से उच्च रक्तचाप में आराम मिलता है.

Tuesday 8 May 2012

आंवले में हैं बड़े ही गुण


आंवला विटामिन सी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. देखने में यह फल जितना साधारण प्रतीत होता है, उतना ही स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है. एक आंवला चार नीबू के बराबर लाभकारी होता है. इसे अपने आहार में स्थान दें  यह त्वचा की कांति को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है. यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है. यह ठंडी प्रवृति का होता है. यह बालों, नींद न आना, दांतों, उच्च-रक्तचाप, आँखों  की व बुढापे में होने वाली समस्याओं से हमें निजात दिलाता है. इसके नियमित सेवन से हमारा पाचन तंत्र मजबूत रहता है.

Friday 4 May 2012

अलसी का बीज खाएं, कैंसर भगाएँ

पढ़ने के लिए इस फोटो पर क्लिक करें 

Sunday 29 April 2012

खूबसूरत बाल करने के लिए टिप्स




पत्तियों और अन्य आसान घरेलू उपायों से बालों की खूबसूरती बढ़ाने के लिये नीचे बताए गए टिप्स इस्तेमाल करें:-

* मैथीदाना, गुड़हल और बेर की पत्तियां पीसकर पेस्ट बना लें। इसे 15 मिनट तक बालों में लगाएं। इससे आपके बालों की जड़ें मजबूत होंगी और स्वस्थ भी।

* मेहंदी की पत्तियां, बेर की पत्तियां, आंवला, शिकाकाई, मैथीदाने और कॉफी को पीसकर शैम्पू बनाएं। इससे बाल चमकदार और घने होंगे।

* डेंड्रफ की समस्या से निजात पाने के लिए नींबू और आंवले का सेवन करें और लगाएं।


द्वारा- प्रशांत कुमार 

Thursday 26 April 2012

नजरिया रखिए बढ़िया


   आपका नजरिया कैसा है? आपकी सोच कैसी है? यह भी आपकी सेहत पर असर डालता है. अगर आप समस्याओं से घबराते नहीं और उन्हें सहज रूप में लेते हैं तो यकीन मानिये आपकी सेहत पर बड़ी से बड़ी समस्या भी असर नहीं डाल सकती.प्रसन्न रहने की कला भी एक प्रकार का व्यायाम है,जिसने यह कला सीख ली वह भी बिल्कुल चुस्त-दुरुस्त रह सकता है.

Friday 20 April 2012

Guava

Guava is an excellent source of vitamin C. It helps reduce LDL(Low Density Lipoprotein) – the bad cholesterol

Tuesday 10 April 2012

आयुर्वेदिक दोहे :



















1.जहाँ कहीं भी आपको,काँटा कोइ लग जाय। दूधी पीस लगाइये, काँटा बाहर आय।।
2.मिश्री कत्था तनिक सा,चूसें मुँह में डाल। मुँह में छाले हों अगर,दूर होंय तत्काल।।
3.पौदीना औ इलायची, लीजै दो-दो ग्राम। खायें उसे उबाल कर, उल्टी सेआराम।।
4.छिलका लेंय इलायची,दो या तीन गिराम। सिर दर्द मुँह सूजना, लगा होय आराम।।
5.अण्डी पत्ता वृंत पर, चुना तनिक मिलाय। बार-बार तिल पर घिसे,तिल बाहर आ जाय।
6.गाजर का रस पीजिये, आवश्कतानुसार। सभी जगह उपलब्ध यह,दूर करे अतिसार।।
7.खट्टा दामिड़ रस, दही,गाजर शाक पकाय। दूर करेगा अर्श को,जो भी इसको खाय।।
8.रस अनार की कली का,नाक बूँद दो डाल। खून बहे जो नाक से, बंद होय तत्काल।।
9.भून मुनक्का शुद्ध घी,सैंधा नमक मिलाय। चक्कर आना बंद हों,जो भी इसको खाय।।
10.मूली की शाखों का रस,ले निकाल सौ ग्राम। तीन बार दिन में पियें, पथरी से आराम।।
11.दो चम्मच रस प्याज की,मिश्री सँग पी जाय। पथरी केवल बीस दिन,में गल बाहर जाय।।
12.आधा कप अंगूर रस, केसर जरा मिलाय। पथरी से आराम हो, रोगी प्रतिदिन खाय।।
13.सदा करेला रस पिये,सुबहा हो औ शाम। दो चम्मच की मात्रा, पथरी से आराम।।
14.एक डेढ़ अनुपात कप, पालक रस चौलाइ। चीनी सँग लें बीस दिन,पथरी दे न दिखाइ।।
15.खीरे का रस लीजिये,कुछ दिन तीस ग्राम। लगातार सेवन करें, पथरी से आराम।।
16.बैगन भुर्ता बीज बिन,पन्द्रह दिन गर खाय। गल-गल करके आपकी,पथरी बाहर आय।।
17.लेकर कुलथी दाल को,पतली मगर बनाय। इसको नियमित खाय तो,पथरी बाहर आय।।
18.दामिड़(अनार) छिलका सुखाकर,पीसे चूर बनाय। सुबह-शाम जल डाल कम, पी मुँह बदबू जाय।।
19. चूना घी और शहद को, ले सम भाग मिलाय। बिच्छू को विष दूर हो, इसको यदि लगाय।।
20. गरम नीर को कीजिये, उसमें शहद मिलाय। तीन बार दिन लीजिये, तो जुकाम मिट जाय।।
21. अदरक रस मधु(शहद) भाग सम, करें अगर उपयोग। दूर आपसे होयगा, कफ औ खाँसी रोग।।
22. ताजे तुलसी-पत्र का, पीजे रस दस ग्राम। पेट दर्द से पायँगे, कुछ पल का आराम।।
23.बहुत सहज उपचार है, यदि आग जल जाय। मींगी पीस कपास की, फौरन जले लगाय।।
24.रुई जलाकर भस्म कर, वहाँ करें भुरकाव। जल्दी ही आराम हो, होय जहाँ पर घाव।।
25.नीम-पत्र के चूर्ण मैं, अजवायन इक ग्राम। गुण संग पीजै पेट के, कीड़ों से आराम।।
26.दो-दो चम्मच शहद औ, रस ले नीम का पात। रोग पीलिया दूर हो, उठे पिये जो प्रात।।
27.मिश्री के संग पीजिये, रस ये पत्ते नीम। पेंचिश के ये रोग में, काम न कोई हकीम।।
28.हरड बहेडा आँवला चौथी नीम गिलोय, पंचम जीरा डालकर सुमिरन काया होय॥
29.सावन में गुड खावै, सो मौहर बराबर पावै॥

Friday 17 February 2012

मधुमेह (डायबिटीज) रोग से छुटकारा



मधुमेह  (डायबिटीज) रोग को प्राकृतिक रूप से नष्ट करने के लिये निम्नलिखित उपाय करें


* गुड़हल के लाल फूल की 25 पत्तियां नियमित खाएं।



* सदाबहार के पौधे की पत्तियों का सेवन करें।



* कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में 5-6 भिंडियां काटकर रात को गला दीजिए, सुबह इस पानी को छानकर पी     लीजिए।


*नियमित रूप से कि.मी. पैदल घूमे




Sunday 12 February 2012

बस पांच पत्ते और रोगों के दांत हो जाए खट्टे

     

     जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी की पांच पत्तियां खा लेते हैं वह अनेक प्रकार के रोगों से सुरक्षित रहते हैं। इसके तीन महीने तक सेवन करने से खांसी, सर्दी,बुखार, मलेरिया, कालाजार, जुकाम या काफ, जन्मजात जुकाम, श्वास रोग, दमा, स्मरण शक्ति का अभाव, पुराना से पुराना सिरदर्द, नेत्र-पीड़ा, उच्च अथवा निम्न रक्तचाप, ह्रदय रोग, शरीर का मोटापा, अम्लता, पेचिश, कब्ज, गैस, मन्दाग्नि,गुर्दे का ठीक से काम न करना, गुर्दे की पथरी खून की कमी,दांतों का रोग, सफ़ेद दाग तथा अन्य बीमारियां, गठिया का दर्द, वृद्धावस्था की कमजोरी, विटामिन ए और सी की कमी से उत्पन्न होने वाले रोग, सफेद दाग, कुष्ठ तथा चर्म रोग, शरीर की झुर्रियां, पुरानी बिवाइयां, महिलाओं की बहुत सारी बीमारियां, बुखार, खसरा आदि रोग दूर होते है।


          सिर, गले, नाक का दर्द, आंख के रोग, सूजन, खुजली, अजीर्ण, उलटी , हृदयरोग, कृमि, फोड़े, मुहांसे, जलन , बालतोड़, लू लगना, स्नायूपीड़ा, स्वप्नदोष, मूर्छा, विष आदि तथा स्त्रियों और बच्चों के सामान्य रोगों के लिए चिकित्सा स्वयं ही की जा सकती है। तुलसी स्वाईन फ्लू को दूर रखने के लिए उपयोगी है। तुलसी के उपयोग से मनुष्यों में रोग प्रतिरोधक क्षमता तीव्रता से बढ़ती है और खाली पेट बीस-पच्चिश तुलसी के पत्तों का सेवन करने से स्वाईन फ्लू से बचा जा सकता है। तुलसी दमा टी.बी .में गुणकारी हैं।(भास्कर डाट कॉम)


द्वारा:- संजीव शर्मा 

Wednesday 8 February 2012

Lemon is very useful thing


Lemon is 10,000 times stronger than chemotherapy. 
Just cut 2-3 thin slices of lemon in a cup/ container and add drinking water everyday is good for everybody.(Institute of health sciences, 819, L.L.C. Charles street Baltimore)
This is the latest in medicine and is very effective for cancer. 
You can now help a friend in need by letting him/her know that lemon juice is beneficial in preventing the disease. 
Its taste is pleasant and it doesn't produce the horrific effects of chemotherapy. 
As you know, the lemon tree is known for its varieties of lemons and limes. 
You can eat the fruit in different ways: you can eat pulp, juice press, prepare drinks and pastries etc. 
It is credited with many virtues, but the most interesting is the effect it produces on cysts and tumors. 
This plant is a proven remedy against cancers of all types.