Friday, 14 December 2012

WEIGHT REDUCE TIP



'GreenTea' is very effective for "Weight Reducing".It help to increase our metabolism and support weight loss and green tea high in antioxidants which reduce the effect of harmful oxidants.This is good in'Winter'.Drink it two times in a day and do some "Cardio"workout with my "Tip".Health is Wealth.Make Yourself Fit and Healthy.

Sunday, 9 December 2012

WEIGHT LOSS TIP


'Ginger Powder' is very good for 'Weight Reducing'.Take 1 spoon ginger powder with one glass warm water in the morning empty stomach and it is good for cough and cold.This is good in 'Winter'.Do some workout in winter with my Tip.'Health is Wealth'.Make Yourself Fit and Healthy.

Thursday, 30 August 2012

बहरा कर सकता है हेडफोन


                              चित्र गूगल बाबा से साभार
सिडनी। आईपॉड पर तेज आवाज में संगीत सुनना महज छह महीने में आपको बहरा बना सकता है। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।
एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ सायकॉलजी एंड सोशल साइंस के शोधकर्ता पॉल चांग ने अपनी रिपोर्ट नोइज इंडयूस्ड हीयरिंग लॉस (एनआईएचएल) में कहा है कि युवाओं के लिए तेज आवाज में संगीत सुनना पूरे जीवन भर के लिए बहरेपन का कारण बन सकता है।
चांग ने अलग-अलग आयु वर्ग के तीन ग्रुपों के बीच शोध किया। चांग ने यह जानने का प्रयास किया कि ये लोग किस हद तक तेज आवाज में संगीत सुनते है। वह यह भी जानना चाहते थे कि ये लोग इसका दुष्परिणाम जानते भी या नहीं।
चांग ने पाया कि 12 से 17 साल के 50.6 फीसदी युवा निजी हेडफोन से संगीत सुनते है। 18 से 25 साल के 87.2 फीसदी लोग संगीत कार्यक्रम के बाद बजते कानों के साथ घर लौटते है।
यही नहीं, 66.3 फीसदी किशोर किसी प्रकार का हीयरिंग प्रोटेक्शन नहीं लगाते।
चांग ने कहा कि युवा काफी सामाजिक होते है और सुनने की शक्ति का प्रभावित होना उनके सामाजिक हालात का लुत्फ लेने पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।
तेज संगीत के कारण सुनने की शक्ति के क्षीण होने के बाद युवा सामाजिक हालात का लुत्फ नहीं ले सकते और फिर वे सामाजिक तौर पर दूसरों से कटने लगते है।

स्रोत- दैनिक जागरण

Thursday, 19 July 2012

मेडिटेशन से दुरुस्त होगा दिमाग का तानाबाना



                                    चित्र गूगल बाबा से साभार
लंदन। संत और योग गुरु सदियों से कहते आए हैं कि महज एक महीने के ध्यान (मेडिटेशन) से दिमागी तानेबाने को दुरुस्त किया जा सकता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने भी उनकी बातों को मजबूती दी है। अध्ययन से पता चला है कि ध्यान के जरिये कई दिमागी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।
अमेरिका के वैज्ञानिकों ने विश्वविद्यालय के छात्रों के दो समूह पर किए गए अध्ययन में पाया कि महज चार हफ्तों या 11 घंटे के प्रशिक्षण से उनके दिमाग में अहम बदलाव आया। उनके दिमाग का नर्व फाइबर घना हुआ और दिमाग से ज्यादा संकेत मिलने शुरू हो गए। ठीक इसी समय नर्व फाइबर के चारों ओर मौजूद मोटे माइलिन में भी इजाफा हुआ। यह माइलि नर्व फाइबर को सुरक्षा देता है।
अध्ययन के दौरान पाया गया कि दिमाग के व्यवहार को नियंत्रित करने वाले हिस्से में भी अच्छे बदलाव हुए। इस क्षेत्र में नसों की खराब गतिविधियां ही दिमागी बीमारियों एकाग्रता में कमी, डिमेंशिया, अवसाद और सिजोफ्रेनिया का कारण बनती हैं। ऑरेगॉन विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता प्रो. माइकल पॉस्नर ने कहा कि इस अध्ययन से दिमाग में मेडिटेशन से होने वाले बदलावों की साफ तस्वीर उभरकर आई है।
स्रोत- दैनिक जागरण